गर्मीयों में इन योग से खुद को रखें ठंडा

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गर्मीयों में इन योग से खुद को रखें ठंडा

By: Nimba - March 29, 2022

गर्मीयों का मौसम आ रहा है, अब धीरे धीरे हमारे आसपास के वातावरण का तापमान बढ़ रहा है। इन परिस्थिति में हीट स्ट्रोक, सनबर्न, डीहाईड्रेशन होता है जिससे हमारे शरीर में उर्जा का स्तर बेहद जल्दी कम हो जाता है। साथ ही बेचेनी, घबराहट और उल्टी – दस्त जैसी समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसे में यह बेहद जरूरी होता है की अब आप अपने स्वास्थ्य के बारे में जागृत रहें। अपने खान पान में ऐसी चीज़ो का समावेश करें जो आपके शरीर को ठंडा रखे और गरमी का प्रकोप कम करें, साथ ही ऐसी गर्मीओं में कुछ ख़ास प्रकार के योग करने से भी शरीर को शीतलता प्राप्त होती है तो इस मौसम में ऐसी जीवन पद्धति अपनाएं जिससे गर्मी की असर से आप कम आहत हो। 

एक अच्छी जीवन पद्धति के लिए खानपान की आदतें बेहद महत्वपूर्ण है और जब बात गर्मीओं की आती है तब खाने पीना के ध्यान रखना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकी आपकी कुछ आदतें आपको तकलीफों से बचा सकती है। गर्मीयों में हो सके वहॉं तक तरबूज, खरबूजे, लौकी, खीरा और खट्टे फलों का प्रयोग करें, इन पदार्थो के सेवन से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है। इस के साथ साथ पेय पदार्थ जैसे पानी, छाछ, ग्लुकोज, नारियल पानी का प्रयोग ज़्यादा करें इससे शरीर में पानी की मात्रा संतुलित रहती है और आपके शरीर ठंडक बनी रहेती है। जैसे खाद्य पदार्थो से मनुष्य खुद के शरीर के तापमान को ठंडा रख सकता है वैसे है योगाभ्यास से भी इन्सान शरीर का तापमान कम रख सकता है। तो आइए आज हम  गर्मीओं में किए जाने वाले कुछ खास प्रकार के योगासनो के बारे में विस्तार से चर्चा करते है।

 सर्दीओं के प्रमाण में गर्मी के मौसम में हमारा शरीर ज्यादा एक्टिव रहेता इस का अर्थ यह है की थोडे से शारीरिक व्यायम से हमारा शरीर वार्मअप हो जाता है। इस लिए तो थोड़े से शारीरिक व्यायाम या योग से ही आपको अच्छे परिणाम मिल सकते है।

सबसे पहले हम बात करते है प्राणायाम के बारे में, प्राणायाम से मनुष्य को श्वसन संबधित तकलीफों से तो छुटकारा प्राप्त कर सकता है साथ ही शरीर में ठंडक बनाए रखने के लिए

 

भी यह बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। उसमें भी सबसे पहले आता है शीतली प्राणायाम।

 

शीतली प्राणायाम – इस प्राणायाम से शरीर में ऑक्सिजन का प्रमाण सामान्य रहेता है। 

  • सबसे पहेले आप अपने  हाथों को घुटनों पर रखकर सुखासन या पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाए। अपनी जीभ को बाहर निकलें ।
  • जीभ के दोनों किनारों को जोड़े इससे आपकी जीभ ट्यूब या स्ट्रॉ के आकार में बनेगी। 
  • इस के बाद मुंह से सांस ले उसके बाद नाक से सांस छोड़ें।
  • इस प्राणायाम को कम से कम 10 बार दोहराएं। 
  • इस आसन से आपका मन स्थिर होगा और शरीर ठंडा रहेगा। 
  • इस बात का ध्यान राखें की गार्डन के पास या जहॉं ठंडी – ताजी हवा चलती हो, वहॉं यह प्राणायाम करने से आपको स्वास्थ्य लाभ अधिक होगा।

 

शितकारी प्राणायाम के अलावा भ्रामरी प्राणायाम भी आपके स्वास्थ्य के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है ।

 

भ्रामरी प्राणायाम – सबसे पहले आप शांत और अच्छी हवादार जगह पर  सुखासन और पद्मासन की स्थिति में बैठ जाइए।

  • अपनी तर्जनी को दोनों कान पर रखें।
  • अपने मुख को बंध रखते हुए सांस ले और छोड़े।
  • जब सांस छोड रहे है तो ऊँ शब्द का या म शब्द का उच्चारण करें।
  • यह प्रक्रिया 5 से 7 बार दोहराए 

 

मंडूकासन विधि – 

  • सबसे पहले आप वज्रासन की मुद्रा में बैठे। 
  • अपनी दोनो हाथ की मुठ्ठी को बंध करे और मुठ्ठी को अपनी नाभि के पास लाएं।
  • मुठ्ठी को नाभि से नीचे ऐसे रखें कि जैसे की मुट्ठी खड़ी हो और ऊँगलियाँ आपके पेट की तरफ रहे।
  • धीरे से सांस ले और छोडे. सांस छोड़ ते हुए आगे की तरफ नीचे झुके।
  • आपकी जांघ जमीन पर टिकी रहै उस बात का ध्यान रखें। 
  • जब आप आगे जुके तब ध्यान रखें की आपकी नाभी पर दबाव पड़े।
  • धीरे धीरे सांस लेते हुए यथासंभव इस स्थिति को बनाये रखें।
  • फिर सांस लेते हुए अपनी सामान्य अवस्था वापस आएं और आराम करें।
  • इस आसन को प्रतिदिन 5 से 10 बार करे।

 

 

शवासन – गर्मीओं में शरीर का तापमान बढ जाता है साथ ही व्यायाम करने के बाद हमे थकान होती है, शरीर में उर्जा के साथ साथ गरमी का प्रमाण भी बढ़ जाता है। वैसी स्थिति में शरीर को शांत करने के लिए शवासन बेहद उपयोगी साबित होता है। 

  • किसी भी शांत जगह पर जमीन पर पीठ के बल लेट जाइए अपने दोनो पैरो के बीच देठ फीट का अंतर रखे।
  • अपने शरीर को ढीला छोड़ दे, ऑंखो को से बंध कर ले।
  • आप धीरे धीरे से अपने सॉंस ले और छोड़े।
  • मन चल रहे विचारों को रोके और ध्यान केन्द्रित करने का प्रयत्न करे। 
  • अगर आपको लगे कि आपका ध्यान भटक रहा है तो आप गिनती कर सकते है।
  • शवासन के करते समय आप सुधिंग म्युजिक बजाना चाहे तो बजा सकते है यह आपके मन को शांत करने में मदद करता है।

 

यह कुछ योग आसान के तरीके है जिससे आप गर्मीयों में अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते है। हर व्यक्ति के शरीर का प्रकार अलग होता है अगर आप इस विषय में ज्यादा जानना चाहते है तो आप नींबा नेचर क्यॉर विलेज आ सकते है, जो आपको इस विषय में ज़्यादा जानकारी देने में समर्थ है। यहाँ आपको प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार खानपान की आदतों के बारे में विस्तार से बताया जाता है। खाने के साथ साथ कौन से व्यायाम और प्राकृतिक पद्धतियों से आप अपने स्वास्थ्य को और बहेतर बना सकते है इस विषय में भी जानकारी दी जाएगी।

 

 

FAQ

Q) योग के उद्देश्य ?

 अगर हम योग शब्द की बात कर रहे है तो भारतीय संस्कृति में योग शब्द के कई प्रयोग मिलते है। उसमें से एक प्रयोग ऐसा है जो हमारे लिए आध्यात्मिक और शारिरीक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है। योग से हम कई शारीरिक तकलीफों से मुक्ति पा सकते है और शारीरिक क्षमताए विकसित भी होती है। तनाव से मुक्ति मिलती है और मानसिक शांति मिलती है। अलग अलग मौसम में कुछ खास प्रकार के योग करने से भी शारीरिक तकलीफे कम होती है। जैसे गर्मीओं में  प्राणायाम, मंडूकासन और शवासन जैसे योग करने से शरीर की गरमी कम होती है और शरीर में नई उर्जाका संचय होता है।

 

 

Q) योग से लाभ और हानि  ?

योग से हमें कई फायदे होते है जैसे की शारीरिक, मानसिक इत्यादि। जैसे की नियमित रूप से योग करने से हमें लचक प्राप्त होती है, शारीरिक क्षमता का विकास होता है, हमें  मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। तो अलग अलग मौसम में भी अलग अलग योग से हमें शारीरिक लाभ होते है। जैसे की गर्मी के मौसम में प्राणायाम या कुछ अन्य प्रकार के आसन करने से शरीर में गरमी का प्रकोप कम होता है।

 

 

Q) योग के प्रकार ?

योग के चार प्रकार और आठ अंग होते है। अब हम योग के प्रकार की बात करें तो राज योग, कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग।