स्वस्थ जीवन शैली और प्राकृतिक चिकित्सा से हृदय रोग का इलाज कैसे करें?

स्वस्थ जीवन शैली और प्राकृतिक चिकित्सा से हृदय रोग का इलाज कैसे करें?

By: Nimba - February 15, 2022

आज आप किसी भी व्यक्ति से पुछे की आपको कैसी जीवनशैली पसंद है तो सामान्यतः मॉडर्न लाइफ स्टाइल ऐसा जवाब मिलेगा । यह मॉडर्न लाइफ स्टाइल यानी आधुनिक जीवन पद्धति में धूम्रपान, मांसाहार, फास्ट फूड, मदिरापान जैसे नशीले पदार्थों का सेवन, देर रात तक जागना जैसी आदतें काफी सामान्य रूप से देखी जा रही है। इसके अलावा मोर्डन वर्किंग पैटर्न से लोगों के जीवन में तनाव बढ़ा है। इसके परिणाम स्वरूप छोटी उम्र में लोगों को हृदय रोग की समस्या का सामना करना पड़ रहा है और यह सिर्फ भारत में ही नहीं पर वैश्विक स्तर पर देखा जा रहा है। क्या आप चाहते है कि ऐसी तकलीफे आपके दरवाज़े पर भी दस्तक दे ? कोई भी इन्सान एसी तकलीफों से जूजना कभी नहीं चाहेगा क्यों की जब एक व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा होता है तब उसका परिवार भी आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना से गुज़रता है। तो यह हर इन्सान के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि वह अपने स्वास्थ्य के बारे में सही कदम ले और प्राकृतिक चिकित्सा आपको ऐसी जीवन पद्धति की और ले के जा सकती है। 

प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति किसी भी तकलीफ का निदान रोग के मूल से करता है, इसी कारण से  पद्धति काफ़ी फायदेमंद साबित होती है। अब हम जानेंगे कि किस तरीके से प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति की मदद से हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों को अपने जीवन से कोसो दूर रखा जा सकता जा सकता है।

नियमित जीवन शैली 

अगर आप एक स्वस्थ जीवन व्यतीत करना चाहते है तो नियमित जीवन शैली सबसे ज्यादा जरूरी है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्व रखते है। मोटापा कम करने के लिए भी नियमित जीवन शैली ही सबसे अहम किरदार अदा करती है।  

खानपान की आदतें

स्वस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण है खानपान की आदते। यह बेहद जरूरी है कि व्यक्ति अपने खाने पीने की आदतों के बारे में गंभीरता से सोचे। बाहर के खाने से परहेज करें, घर का सात्विक खाना खाए।  आप अपने रोजमर्रा के खाने में तला हुआ, ज्यादा मसालेदार, घी वाला खाना खाने से बचे। खाने में हर रोज हरी सब्जी और फल का सेवन करें। तरल पदार्थों को भी ज्यादा मात्रा में खाए।  कोशिश करें कि दिन में 3 – 4  लीटर पानी पीए। 

नियमित व्यायाम

हमारा जीवन मशीनों से घिर चुका है, जिसके कारण हमारी दिनचर्या में शारीरिक श्रम बेहद कम हो चुका है। हम ज्यादा कैलोरी वाला खाना खाते है पर शारीरिक श्रम की कमी की वजह से हमारा वजन बढ़ता है और हम कई बीमारियों शिकार बनते है । हम इन स्थितियों का सामना न करना पड़े इसलिए हमें किसी खेल के साथ जुड़ना चाहिए। अगर आप कोई खेल से जुडने में असमर्थ है तो आप चलने जा सकते है या घर पर ही सामान्य व्यायाम करके आप अपने आप को स्वस्थ रख सकते है। आप किसी भी प्रकार का व्यायाम करें पर यह जरूरी है की आप उसे नियमित रूप से करे। एक दिन व्यायाम करने के बाद अगर आप तीन दिन व्यायाम नहीं करते है तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।    

अपने लिए वक्त निकाले

आज के इस आधुनिक युग में लोगों के जीवन में व्यस्तता ज्यादा देखी जा रही है, जिसके कारण लोगों में तनाव का प्रमाण बढ़ता देखा जा रहा है। यह तनाव उच्च रक्तपात और हृदय की बिमारी का कारण बनते है। इसलिए जरूरी है कि हम तनाव मुक्त रहें। अपने काम से समय निकाल कर हम खुद के साथ भी कुछ समय व्यतीत करना चाहिए और कुछ ऐसी प्रवृत्तियों से जुड़े, जो हमें खुशी दे। कभी कभी यह भी जरूरी नहीं आपको किसी प्रवृति से जुडना है, आप सिर्फ अपने आप के साथ समय व्यतीत करके भी तनाव कम कर सकते है जिससे आप हृदय रोग जैसी बीमारी को अपने से कोसों दूर रख सकते है।

ऐसी कौन सी चिकित्सा पद्धति है जिससे हृदय रोग से बचा जा सकता है ?

 प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में कुछ ऐसे प्रयोग है, जो आपको हृदय रोग से दूर रखते है। अब हम उन चिकित्सा पद्धति के बारे में बात करते है जिससे आप अपने हृदय को स्वस्थ रख सकते है। 

शिरोधारा 

तनाव दूर करने आयुर्वेद में शिरोधारा को बेहद असरकारक उपाय बताया गया है। इस प्रयोग में आयुर्वेदिक पद्धति से तैयार किया हुआ तेल सिर पर डाला जाता है। शिरोधारा से सिरदर्द, अनिद्रा, मानसिक तनाव, उच्च रक्तपात, अकारण बालों का पकना जैसे रोगों में काफ़ी असरकारक है। निंबा में ख़ास जडीबूटीओं से तैयार किए गए तेल का इस्तेमाल शिरोधारा में किया जाता है, जो आप के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।   

पोटली मसाज

हलके गरम तेल से मसाज करना हृदय के लिए फायदेमंद है। मसाज करने से शरीर में रक्त प्रवाह सामान्य होता है और बदन दर्द कम हो जाता है। शरीर के मसल्स रिलेक्स होते है, उच्च रक्तपात और व्यग्रता कम होती है। टेंशन और थकान कम हो जाती है, बेहतर नींद आती है। नियमित अंतराल से मसाज करने से शरीर का वजन भी कम होता । नींबा द्वारा आयुर्वेद में जिनका उल्लेख है वैसी सूखी जड़ी बूटियों का मसलिन के कपड़े में रखा के एक पोटली बनाई जाती है, जिसे आयुर्वेदिक तेल में डुबोकर मसाज की जाती है। इस मसाज से शरीर से थकान और एकड़ दूर होती है। साथ ही शरीर में रक्त परिभ्रमण बेहतर होता है। 

अभयंगम्

आयुर्वेदिक पद्धति से तैयार किए गए तेल से तमाम अंगों की एक ख़ास तरीके से मसाज करना यानी अभयंगम्। अभयंगम् के द्वारा शरीर से हानिकारक पदार्थ बहार आ जाते है, शरीर का सारा तनाव, थकान दूर हो जाती है और आराम मिलता है। इस मसाज के बाद अनिद्रा से पीड़ित लोगों को काफ़ी अच्छी नींद आती है। 

उद्धवर्तन

उद्धवर्तन में प्राकृतिक जड़ी बूटियों का चूर्ण तैयार करके ख़ास तेल में मिश्रित करके उससे शरीर पर हल्के से मालिश किया जाता है। इस मालिश से त्वचा पर से सारे हानिकारक पदार्थ दूर हो जाते है और त्वचा चमकदार, कोमल बनती है। नियमित उद्धवर्तन से शरीर पर से अत्यधिक चर्बी दूर होती है।

निंबा के साथ प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से हृदय को कैसे रखें स्वस्थ ? 

अगर आप अपने साथ कुछ समय व्यतीत करना चाहते है तो नींबा नेचर केर आपके लिए एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प बन सकता है। नींबा लोगों को बेहतर और स्वस्थ जीवन जीने का पथ प्रदर्शित करता है। यहॉं शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्राकृतिक पद्धति से बेहतर बनाने का प्रयास किए जाते है। नींबा आपको प्रकृति के करीब ले जाती है, बिना किसी दवाई के प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति, योग और एक्यूपंक्चर की मदद से सर्वांगीक सारवार की जाती है। मनुष्य के शरीर में शक्तियां होती है कि वह किसी भी रोग के सामने अपने आपको हिल कर सकता है। ऐसी प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों से नींबा आपका परिचय करवाता है।  

अपने काम में व्यस्त रहने के कारण या कोई निजी कारण से एक लंबे अरसे तक अपने स्वास्थ्य की समस्याओं को आप अनदेखा करते है और एक उम्र पर महंगे अस्पतालों में इलाज करवाने जाए इससे अच्छा है की हम आज से ही नींबा में आए, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति अपनाएं और अपने आप को स्वस्थ रखे।   

FAQs  

1) धमनी रोग की रोकथाम व उपचार 

आधुनिक जीवन पद्धति से हमारे जीवन में तनाव का प्रमाण काफी बढ़ा है। यह तनाव, खानपान की खराब आदतें और व्यायाम की कमी वजह से हम हृदय रोग जैसी बीमारियों का शिकार बनते है। इस लिए यह बेहद जरूरी है की हम अपनी जीवन शैली को ऐसी बनाए जिसमें हम खतरनाक बीमारियों से कोसो दूर रहें। जिनमें सबसे पहले है नियमित व्यायाम, खानपान की आदतें और ऐसी बातें जिससे आप अपना तनाव कम हो सके।   

2) हार्ट ब्लॉकेज में क्या खाना चाहिए ?

अगर आपको हार्ट ब्लॉकेज है तो आपको एक अच्छे डॉक्टर की सलाह अनुसार अपना खानपान और दवा का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा आप अपने खाने में इन पदार्थों के सेवन से आप अपने आप को हृदय की तकलीफों से दूर रख सकते है।

  • लहसुन
  •  हल्दी
  •  लाल मिर्च
  •  अदरक
  •  अनार
  •  नींबू 

3) हृदय रोग में आयुर्वेदिक इलाज क्या है ?

आर्युवेद में हर रोग का इलाज प्राप्त है। अगर बात हृदय रोग की करें तो आयुर्वेद में खाने कुछ नुस़्खे बताए गए है जिससे आप अपने हृदय को स्वस्थ रख सकते है। खाने में लहसुन का इस्तेमाल ज्यादा करे। लहसुन के सेवन से रक्त वाहिनी चौड़ी होती है और रक्त प्रवाह सामान्य होता है। इसके अलावा हल्दी, लाल मिर्च, अदरक, अनार, नींबू जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए जिससे आप हृदय रोग से निजात पा सकते है।