इन्टरमिटन्ट फास्टिंग और स्वास्थ्य
By: Nimba - April 4, 2022
उपवास के बारे में तो हम जानते ही है, धार्मिक ग्रंथो में इसके बारे में विस्तार से उल्लेख मिलता है। जैसे कि श्रीमद भगवद गीता में उल्लेख है की “विषया विनिवर्तन्ते निराहारस्य देहिन” जिसका अर्थ है कि उपवास करने से हमें विषय विकारों से मुक्ति मिलती है। अगर इसे स्वास्थ्य के परिप्रेक्ष्य से देखे तो उपवास करने से हमें पाचन संबंधित कई तकलीफों से मुक्ति मिल सकती है। कम खाने से, कुछ अंतराल पर खाने से या नहीं खाने से हमारे पाचन अंगों का आराम तो मिलता है साथ ही हमारा पाचनतंत्र पहले से जमा हुई चर्बी का उपयोग करता है, जिसके कारण हमारा वजन भी कम होता है। हालांकि कई लोग उपवास करने में असमर्थ होते है जिसके कारण आजकल लोग इन्टरमिटन्ट फास्टिंग करना ज्यादा पसंद करते है।
क्या है इन्टरमिटन्ट फास्टिंग ?
इन्टरमिटन्ट फास्टिंग इस शब्द में ही उल्लेखित है कि नियमित अंतराल में खाना खाना। सामान्यतः लोग 12 घंटे में या उससे भी कम अंतराल में खाना खाते है। जिससे शरीर में चयापचय की क्रिया हमेशा चालु रहती है पर इन्टरमिटन्ट फास्टिंग में हम सामान्यत: 14 से 18 घंटे तक खाना नहीं खाते है। साथ ही इस प्रकार के फास्टिंग के दौरान डाइट में प्रोटीन और फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे शरीर का वजन भी कम होता है।
इन्टरमिटन्ट फास्टिंग के प्रकार
जो लंबे समय तक भूखे नहीं रह सकते वो इन्टरमिटन्ट फास्टिंग से स्वस्थ जीवन प्राप्त कर सकते है।
1) 16/8 मेथड
इस प्रकार के इन्टरमिटन्ट फास्टिंग में लोग प्रतिदिन कम से कम 16 घंटे तक खाना नहीं खाते । व्यक्ति को अपना डायट ऐसे प्लान करना है की वह पूरे दिन के सारे मिल्स जैसे की लंच, डिनर 8 घंटे के अंदर ही ग्रहण करें । इस वजह से इसे 16/8 कहा जाता है। इस प्रकार के डायट के लिए आपको रात को 8 बजे अपना डिनर कर लेना है और दूसरे दिन सुबह 12 बजे से पहले कुछ नहीं खाना है। इस प्रकार के डाइट में आपको अपना ब्रेकफास्ट छोड़ना पडेगा। इतने लंबे अंतराल तक जब आप कुछ नहीं खाते है तो आप जीरो कैलोरी ड्रिंक जैसे की पानी, नींबू और शहद वाला गर्म पानी, ग्रीन टी जैसे पैय पदार्थ ले सकते है।
2) 5:2 मेथड
अगर आप लंबे समय तक भूखे नहीं रह सकते है तो आप 5:2 प्रकार का डाइट भी अपना सकते है। जिसमें आपको सप्ताह में पांच दिन अपना सामान्य आहार लेना है जब की बाकी के 2 दिन आपको 500 से 600 कैलोरी से ज्यादा आहार नहीं लेना है। एक बात का खास ध्यान रखें की जिन दो दिन आप कम कैलोरी वाला खाना ले रहे है वो दोनो दिनों के बीच कम से कम एक दिन का अंतराल जरूर रखें।
3) एक दिन खाने से परहेज़ मेथड
इस प्रकार के डायट प्लान में आपको सप्ताह में एक या दो दिन पूरे 24 घंटे तक कुछ भी खाना नहीं खाना है। बाकी के दिनों में आप अपना सामान्य आहार ले सकते है।
4) वैकल्पिक दिन पर उपवास मेथड
अगर आप एक दिन छोड़कर एक दिन भूखे नहीं रह सकते तो आपको वैकल्पिक दिन पर उपवास कर सकते है। जिस दिन आप उपवास कर रहे है उस दिन आपको ज्यादा से ज्यादा 500 कैलोरी खाना खा सकते है।
इन्टरमिटन्ट फास्टिंग के फायदे
- वजन घटाने में मदद करता है।
- इस डायट से पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है।
- रुक रुक के उपवास करने से मनुष्यो के हार्मोन का स्तर अच्छा होता है।
- इस प्रकार के उपवास से मस्तिष्क की कार्यक्षमता और भी अच्छी होती है।
इन्टरमिटन्ट फास्टिंग करने से कई स्वास्थ्य लाभ है पर कुछ शारीरिक अवस्थाओं में लंबे समय तक कुछ भी न खाना नई समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। हम आपको कुछ ऐसे ही लक्षण के बारे में बताने जा रहे है वो अगर आपको दिखे तो आप तुरंत ही इन्टरमिटन्ट फास्टिंग रोक दे।
- यदि आपको हाई कोलेस्ट्रॉल या लॉ एड्रेनल फंक्शन है तो आप इन्टरमिटन्ट फास्टिंग ना करें
- अगर इन्टरमिटन्ट फास्टिंग करने वाली महिला गर्भवती है
- आपका शरीर का तापमान कम रहता है
- हाथ पांव ठंडा पड़ जाते हो
- सुबह उठने में और रात को सोने में कठिनाई होती हो तो
- आपके शरीर का शुगर लेवल कम रहता है
- आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है
- आपकी त्वचा सूखी हुए रहती है
अगर आप उपरोक्त शारीरिक स्थिति से गुज़र रहे हो तो खुद से फास्टिंग करने का जोखिम न उठाए। आप किसी भी प्रकार के फास्टिंग करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य ले और कभी भी आपको लगे की शायद आपको कोई तकलीफ हो सकती है तो आप अवश्य किसी निष्णांत की सलाह लें। इस विषय में नींबा आपकी मदद कर सकता है।
नींबा के साथ प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से कैसे रहे स्वस्थ ?
अगर आप अपने साथ कुछ समय व्यतीत करना चाहते है तो, नींबा नेचर केर आपके लिए एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प बन सकता है। नींबा लोगों को बेहतर और स्वस्थ जीवन जीने का पथ प्रदर्शित करता है। यहॉं शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्राकृतिक पद्धति से बेहतर बनाने का प्रयास किए जाते है। नींबा आपको प्रकृति के करीब ले जाती है, बिना किसी दवाई के प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति, योग और एक्यूपंक्चर की मदद से सर्वांगीक सारवार की जाती है। मनुष्य के शरीर में शक्तियां होती है कि वह किसी भी रोग के सामने अपने आपको हिल कर सकता है। ऐसी प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों से नींबा आपका परिचय करवाता है।
अपने काम में व्यस्त रहने के कारण या कोई निजी कारण से एक लंबे अरसे तक अपने स्वास्थ्य की समस्याओं को अनदेखा कर रहे है और एक उम्र पर महंगे अस्पतालों में इलाज करवाने जाए इससे अच्छा है की हम आज से ही नींबा में आए, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति अपनाएं और अपने आप को स्वस्थ रखे।
FAQ
16 घंटे के उपवास
अपने स्वास्थ्य के को ध्यान में रखते हुए या अपना वज़न कम करने के लिए कई लोग 16 घंटे के उपवास रखते है। जैसे की अगर आपने रात को आठ बजे अपना खाना खा लिया है तो दूसरे दिन सुबह 12 बजे के बाद ही खाना खाते है। इस प्रकार के उपवास में लोग, दोपहर 12 बजे से शाम के 8 बजे तक के समय में ही खाना खाते है। इसे कहते है 16 घंटे का उपवास।
16 घंटे के उपवास लाभ
इन्टरमिटन्ट फास्टिंग करने से से कई शारीरिक लाभ होते है, जिनमें से कुछ इस प्रकार से है।
- पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- वजन घटाने में मदद करता है।
- व्यक्ति की एकाग्रता बढ़ती है